जेट एयरवेज कंपनी के मालिक नरेश गोयल की कहानी ये उनकी फोटो हैं
ये जीवन की निर्मम सच्चाई का अनुपम उदाहरण है, ये व्यक्ति नरेश गोयल है, जो एक समय पर जेट एयरवेज़ का मालिक था, हालत देखो कितना टूट चुका है, अभी जेल में है, और कोर्ट को बताया की अब उसकी सारी उम्मीदें ख़त्म हो चुकी हैं, और अब जेल में ही मर जाना चाहता है, किसी टाइम पर उड़ान किंग था आज बदतर हालात में है, इसलिए जीवन में कभी घमंड ना करें, क्योंकि कल का कुछ पता नहीं है, समय में चक्र में उलझ कर ख़ुद को परेशान ना करें, जो आज है, वो कल नहीं होगा, अपने धन, प्रसिद्धि और ताक़त के मद में ख़ुद को सर्वोच्च समझने की भूल ना करे समय कब बदल जाया पता ही नहीं चलता जेट एयरवेज़ भारत की एक प्रमुख एयरलाइन थी, जिसकी स्थापना 1993 में नरेश गोयल ने की थी। कंपनी ने 5 मई 1993 को अपनी वाणिज्यिक उड़ानें शुरू कीं और जल् कोदी ही देश की अग्रणी एयरलाइनों में से एक बन गई। हालांकि, वित्तीय कठिनाइयों के कारण, अप्रैल 2019 में जेट एयरवेज़ ने अपनी सभी उड़ानें निलंबित कर दीं।
नरेश गोयल ने 1967 में पटियाला से दिल्ली आकर अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने कनॉट प्लेस में अपने चचेरे नाना की ट्रैवल एजेंसी में 300 रुपये मासिक वेतन पर काम किया। 1973 में, उन्होंने अपनी खुद की ट्रैवल एजेंसी ‘जेट एयर’ की स्थापना की। 1991 में, उन्होंने जेट एयरवेज़ की नींव रखी, जो 2010 तक भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन बन गई।
हालांकि, वित्तीय समस्याओं के चलते मार्च 2019 में नरेश गोयल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा, और उसी वर्ष जेट एयरवेज़ का संचालन बंद हो गया। सितंबर 2023 में, उन्हें केनरा बैंक के साथ 538 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। जनवरी 2024 में, अदालत में पेशी के दौरान, उन्होंने कहा कि उन्होंने जीवन की सारी उम्मीदें खो दी हैं और ऐसी स्थिति में जीने से बेहतर है कि वह जेल में ही मर जाएं।
नरेश गोयल की कहानी एक सफल उद्यमी से लेकर कानूनी परेशानियों तक के सफर को दर्शाती है।